फ़ॉयरफ़ॉक्स हिंदी बीटा
को रिलीज किया जा चुका है...कृपया जाँचें और बताएँ। हम उन सभी के लिए आभारी हैं जिन्होंने इसकी जाँच में सहयोग किया था और अपनी प्रतिक्रिया पिछले ब्लॉगों पर भेजी थी। यहाँ हम सराय के ट्रांसलेशन रिव्यू वर्कशॉप और उसमें भाग लेने वाले सभी लोगों का जिक्र करना जरूर चाहेंगे जिसकी वजह से यह बेहतर रूप में आ पाया है। इसमें फ्यूल लिस्ट का भी उपयोग किया गया है। शुक्रिया श्री रमण व उनकी टीम का भी जिन्होंने इसमें महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।
Wednesday, September 24, 2008
Monday, September 22, 2008
एक हिंदी विद्यालय की मौत
शायद नेतरहाट हिंदी माध्यम का सबसे बढ़िया विद्यालय होगा, या हम जैसों की नजर से देखें जिसने उसमें पढ़ाई की है, तो उस जैसा स्कूल हो ही नहीं सकता है. परंतु गत हफ्ते टेलिग्राफ में छपे समाचार ने जो सदमा दिया है उससे उबर नहीं पा रहा हूँ. विद्यालय को पब्लिक स्कूल बनाने की प्रबंधन की कोशिश में न सिर्फ आधारढ़ांचे में बदलाव किया जा रहा है परंतु जो बदलाव होने जा रहे हैं उसमें यह भी शामिल है कि पढ़ाई लिखाई का माध्यम हिंदी से अंग्रेजी कर दिया जाए. जो भी बिहार-झारखंड से हैं वे बखूबी जानते हैं कि उस स्कूल ने शैक्षणिक गुणवत्ता की दृष्टि से वह सारी सफलता हासिल की जो कोई विद्यालय सोच भी नहीं सकता है. समाचार में कहा गया है कि यह नेतरहाट के खोए गौरव को पाने की कोशिश है. क्या किसी विद्यालय के गौरव में कमी उसके माध्यम से ही जोड़ी जा सकती है....क्या यह कोई दूसरी प्रबंधनीय असफलता नहीं है जिसकी ओर से ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है. क्या यह कोई और राजनीति है...क्या यह राष्ट्रविरोधी नहीं है कि एक सरकारी खर्चे से फलने फूलने वाला विद्यालय अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई करवाने के लिए करोड़ों रूपए खर्च करे. मुझे यह भी समझ में नहीं आता है कि इतने सारे अंग्रेजी के कान्वेंट व पब्लिक स्कूलों के बीच नेतरहाट अंग्रेजी में माध्यम रख कर ही क्या हासिल कर लेगा? संभवतः कुछ भी नहीं. जो भी गौरव बचा है उसे भी हम नष्ट कर देंगे. जब भी हम किसी की नक़ल करते हैं उसी वक्त हम उन अनोखेपन को खो देते हैं जिसकी बदौलत हमारा बजूद हुआ करता है. नेतरहाट या उसके वर्तमान प्राचार्य श्रीमानजी...क्षमा करेंगे...सर, श्री...पुनः क्षमा करेंगे मि. विनोद कुमार कर्ण और विद्यालय...माफ़ी...स्कूल की मैनेजमेंट संभवतः अपना निजी हित तो हासिल कर सकती है, लेकिन लोगों का कितना भला होगा यह तो कोई भी समझ सकता . आएँ एक हिंदी विद्यालय की मौत पर शोक मनाएँ.
Friday, September 19, 2008
पहले इंटरनेटी लोकार्पण में शरीक हों
सॉफ़्टवेयर फ्रीडम डे और हिन्दी पखवाड़ा के अवसर पर आप सब हिन्दी वेब पत्रिका
www.literatureindia.com/hindi/
के लोकार्पण कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं.
कवि श्री नीलाभ लोकार्पण व अध्यक्षता करेंगे
बीज वक्तव्य इतिहासकार श्री रविकान्त का होगा.
इस अवसर पर कवि श्री मोहन राणा अपनी कविता पाठ के साथ संक्षिप्त वक्तव्य देंगे.
संचालन व्यंग्यकार व तकनीकी अनुवादक श्री रवि रतलामी करेंगे.
स्थान: सर्वर irc.freenode.net चैनल #sarai
दिनांक: 20 सितंबर 2008 शनिवार
समय: 04 बजे अपराह्न (भारतीय समयानुसार)
irc पर जुड़ने के लिए इस ब्लॉग की मदद आप लें : http://raviratlami.blogspot.com/2008/09/blog-post_19.हटमल
इस ब्लॉग के शीर्षक को मैंने रवि भाई से चुराया है...
www.literatureindia.com/hindi/
के लोकार्पण कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं.
कवि श्री नीलाभ लोकार्पण व अध्यक्षता करेंगे
बीज वक्तव्य इतिहासकार श्री रविकान्त का होगा.
इस अवसर पर कवि श्री मोहन राणा अपनी कविता पाठ के साथ संक्षिप्त वक्तव्य देंगे.
संचालन व्यंग्यकार व तकनीकी अनुवादक श्री रवि रतलामी करेंगे.
स्थान: सर्वर irc.freenode.net चैनल #sarai
दिनांक: 20 सितंबर 2008 शनिवार
समय: 04 बजे अपराह्न (भारतीय समयानुसार)
irc पर जुड़ने के लिए इस ब्लॉग की मदद आप लें : http://raviratlami.blogspot.com/2008/09/blog-post_19.हटमल
इस ब्लॉग के शीर्षक को मैंने रवि भाई से चुराया है...
Subscribe to:
Posts (Atom)