आदरणीय नरेन्द्र यादवजी, पंडित गोविन्द झाजी, प्रो. अजय कुमार झाजी और उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए मुझे अपार खुशी हो रही है। आप सबका हार्दिक स्वागत है। आपकी इस कार्यक्रम में शिरकत हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। आपने अपना कीमती समय निकाला और यहाँ इस कार्यक्रम में आए - इसके लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।
फ़ायरफ़ॉक्स फ़ॉर मोबाइल यानी फ़ेनेक
जैसा कि आप जानते हैं ऐंड्रायड मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स अब मैथिली में भी उपलब्ध है और हम इसी के लिए यहाँ इकट्ठा हुए हैं। ऐंड्रायड मोबाइलों के लिए फ़ायरफ़ॉक्स ब्राउज़र मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स के वेब ब्राउज़र का एक विशेष बिल्ड है जो स्मार्टफ़ोन और टैब्लेट कंप्यूटर जैसे उपकरणों पर उपयोग किया जा सकता है। मैथिली भाषा में मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स ब्राउज़र का रिलीज होना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मोबाइल (एंड्रायड आधारित फोन) पर पहला ब्राउज़र है जो मैथिली में उपलब्ध है।
ऐंड्रायड मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स की मैथिली में उपलब्धता की खुशी को हमने मोज़िला की मदद से आप सब लोगों साथ साझा करने की कोशिश की है। मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स की मैथिली में उपलब्धता के सामुदायिक लॉन्च का यह छोटा-सा कार्यक्रम वास्तव में भाषा घर ( www.bhashaghar.in ) समूह के अंतर्गत काम कर रहे कुछ जुनूनी लोगों की कोशिशों का उत्सव है। यह सामुदायिक प्रयास के सफलता की एक विशिष्ट कहानी है। ऐंड्रायड फ़ोन के लिए इस ब्राउज़र को यहाँ से डाउनलोड किया जा सकता है - ftp://ftp.mozilla.org/pub/mobile/releases/31.0/android/mai/. इसे डाउनलोड कर इसका आनंद लें।
एक तकनीकी बात – अब तक यह गूगल प्लेस्टोर में तकनीकी कारण (तीन वर्णीय लोकेल कोड की अनुपलब्धता) से उपलब्ध नहीं था। 05 जनवरी 2015 से यह गूगल प्ले स्टोर पर ऐंड्रायड 5 पर चलने वाले सभी डिवायसों पर उपलब्ध रहेगा।
मोज़िला के अन्य उत्पाद भी मैथिली में
ज्ञातव्य है कि मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स एक फ्री और ओपन सोर्स ब्राउज़र है जो लाखों स्वयंसेवी समुदाय की मदद से मोज़िला फ़ॉउंडेशन के द्वारा तैयार किया जाता है। फेनेक के अलावे फ़ायरफ़ॉक्स ब्राउज़र, फ़ायरफ़ॉक्स ओएस - मोबाइल का एक विशेष ऑपरेटिंग तंत्र – भी मैथिली में उपलब्ध है।
भाषा घर – 'छोटी-छोटी' भाषाओं के बड़े सपने
कंप्यूटर और संबंधित उपकरणों को मैथिली भाषा में करने का काम करीब छह साल पहले मैंने आरंभ किया था जिसमें बाद में कई लोग जुड़े। संगीता कुमारी ने आगे इसका ज़िम्मा लिया और राकेश रोशन, सदन झा, प्रतिभा कुमारी जैसे स्वयंसेवियों की मदद से अब पूरा का पूरा कंप्यूटर भी मैथिली में उपलब्ध है। अब फ़ेडोरा, गनोम, केडीई, लिब्रे ऑफिस, फ़ायरफ़ॉक्स के विभिन्न उत्पादों सहित कई सॉफ़्टवेयर पर काम यह स्वयंसेवी समूह कर रहा है। इस समूह को हमने बड़े उद्देश्यों के लिए भाषा घर नाम दिया और सोचा कि हम उन सभी भाषाओं पर काम करेंगे जिसके पास संसाधनों की कमी है। इसकी वेबसाइट bhashaghar.in है। हम अंगिका, मगही और भोजपुरी पर भी काम शुरू कर चुके हैं। मैं यहाँ अजय कुमार झाजी, गोविन्द झाजी, रमणजी, मोचीजी सहित कई लोगों को बहुत आभारी हूँ कि आरंभिक दिनों में मैथिली शब्दावली के निर्माण में इन्होंने हमारा भरपूर सहयोग किया था।
मरती भाषाओं का नक्शा बहुत डरावना लगता है
21 जनवरी 2008 को मैरी स्मिथ जोन्स की मृत्यु हो गयी थी। मेरी जोन्स की मृत्यु महज एक व्यक्ति की मृत्यु नहीं कही जा सकती। वह दक्षिणी मध्य अलास्का की एयाक भाषा बोलने वाली अंतिम जीवित व्यक्ति थी। उनकी मौत के बाद एयाक भाषा बोलने वाला एक भी व्यक्ति नहीं बचा। और इस प्रकार सीमित भाषायी विविधता वाले मौजेक से एक रंग हमने खो दिया। शायद आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अंगिका - हमारी ही एक भाषा - यूनेस्को के वैश्विक भाषायी मानचित्र पर एक मरती हुई भाषा की सूची में है। नक्शा देखकर काफी अजीब भी लगता है। विश्व एक-दूसरे से जुड़ता जा रहा है लेकिन भाषाएँ मरती जा रही हैं। अधिकाधिक देश लोकतांत्रिक हैं, विकास की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन क्या यह लोकतंत्र, यह विकास छोटी-मोटी भाषाओं की जिंदगी बचाकर नहीं रख सकती है? बहुवचनीयता आज ख़तरे में है। हमने अंगिका को कंप्यूटर पर लाने में आरंभिक सफलता पाई है। अंगिका लोकेल अब कंप्यूटर के लिए मौजूद है। अंगिका फ़ायरफ़ॉक्स के लिए हमने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए शब्दावली निर्माण का काम फ़्यूल प्रोजेक्ट (fuelproject.org) के तहत होने जा रहा है। कंप्यूटर पर अंगिका की उपस्थिति शायद इसके वजूद को स्थायित्व प्रदान करे। यह 'छोटी-छोटी' भाषाओं के बड़े सपनों के पूरे होने की कहानी है। जरूरत हमें योगदानकर्ताओं की भी है जो आगे आए और महीने में से कुछ घंटे निकालें और और अपनी भाषा के लिए दें।
एक बार मैं फिर से आप सबका दिल से स्वागत करता हूँ। स्वागत और शुक्रिया।
*(मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स के मैथिली के सामुदायिक लोकार्पण के अवसर पर दिया गया स्वागत वक्तव्य)
फ़ायरफ़ॉक्स फ़ॉर मोबाइल यानी फ़ेनेक
जैसा कि आप जानते हैं ऐंड्रायड मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स अब मैथिली में भी उपलब्ध है और हम इसी के लिए यहाँ इकट्ठा हुए हैं। ऐंड्रायड मोबाइलों के लिए फ़ायरफ़ॉक्स ब्राउज़र मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स के वेब ब्राउज़र का एक विशेष बिल्ड है जो स्मार्टफ़ोन और टैब्लेट कंप्यूटर जैसे उपकरणों पर उपयोग किया जा सकता है। मैथिली भाषा में मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स ब्राउज़र का रिलीज होना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मोबाइल (एंड्रायड आधारित फोन) पर पहला ब्राउज़र है जो मैथिली में उपलब्ध है।
ऐंड्रायड मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स की मैथिली में उपलब्धता की खुशी को हमने मोज़िला की मदद से आप सब लोगों साथ साझा करने की कोशिश की है। मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स की मैथिली में उपलब्धता के सामुदायिक लॉन्च का यह छोटा-सा कार्यक्रम वास्तव में भाषा घर ( www.bhashaghar.in ) समूह के अंतर्गत काम कर रहे कुछ जुनूनी लोगों की कोशिशों का उत्सव है। यह सामुदायिक प्रयास के सफलता की एक विशिष्ट कहानी है। ऐंड्रायड फ़ोन के लिए इस ब्राउज़र को यहाँ से डाउनलोड किया जा सकता है - ftp://ftp.mozilla.org/pub/mobile/releases/31.0/android/mai/. इसे डाउनलोड कर इसका आनंद लें।
एक तकनीकी बात – अब तक यह गूगल प्लेस्टोर में तकनीकी कारण (तीन वर्णीय लोकेल कोड की अनुपलब्धता) से उपलब्ध नहीं था। 05 जनवरी 2015 से यह गूगल प्ले स्टोर पर ऐंड्रायड 5 पर चलने वाले सभी डिवायसों पर उपलब्ध रहेगा।
मोज़िला के अन्य उत्पाद भी मैथिली में
ज्ञातव्य है कि मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स एक फ्री और ओपन सोर्स ब्राउज़र है जो लाखों स्वयंसेवी समुदाय की मदद से मोज़िला फ़ॉउंडेशन के द्वारा तैयार किया जाता है। फेनेक के अलावे फ़ायरफ़ॉक्स ब्राउज़र, फ़ायरफ़ॉक्स ओएस - मोबाइल का एक विशेष ऑपरेटिंग तंत्र – भी मैथिली में उपलब्ध है।
भाषा घर – 'छोटी-छोटी' भाषाओं के बड़े सपने
कंप्यूटर और संबंधित उपकरणों को मैथिली भाषा में करने का काम करीब छह साल पहले मैंने आरंभ किया था जिसमें बाद में कई लोग जुड़े। संगीता कुमारी ने आगे इसका ज़िम्मा लिया और राकेश रोशन, सदन झा, प्रतिभा कुमारी जैसे स्वयंसेवियों की मदद से अब पूरा का पूरा कंप्यूटर भी मैथिली में उपलब्ध है। अब फ़ेडोरा, गनोम, केडीई, लिब्रे ऑफिस, फ़ायरफ़ॉक्स के विभिन्न उत्पादों सहित कई सॉफ़्टवेयर पर काम यह स्वयंसेवी समूह कर रहा है। इस समूह को हमने बड़े उद्देश्यों के लिए भाषा घर नाम दिया और सोचा कि हम उन सभी भाषाओं पर काम करेंगे जिसके पास संसाधनों की कमी है। इसकी वेबसाइट bhashaghar.in है। हम अंगिका, मगही और भोजपुरी पर भी काम शुरू कर चुके हैं। मैं यहाँ अजय कुमार झाजी, गोविन्द झाजी, रमणजी, मोचीजी सहित कई लोगों को बहुत आभारी हूँ कि आरंभिक दिनों में मैथिली शब्दावली के निर्माण में इन्होंने हमारा भरपूर सहयोग किया था।
मरती भाषाओं का नक्शा बहुत डरावना लगता है
21 जनवरी 2008 को मैरी स्मिथ जोन्स की मृत्यु हो गयी थी। मेरी जोन्स की मृत्यु महज एक व्यक्ति की मृत्यु नहीं कही जा सकती। वह दक्षिणी मध्य अलास्का की एयाक भाषा बोलने वाली अंतिम जीवित व्यक्ति थी। उनकी मौत के बाद एयाक भाषा बोलने वाला एक भी व्यक्ति नहीं बचा। और इस प्रकार सीमित भाषायी विविधता वाले मौजेक से एक रंग हमने खो दिया। शायद आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अंगिका - हमारी ही एक भाषा - यूनेस्को के वैश्विक भाषायी मानचित्र पर एक मरती हुई भाषा की सूची में है। नक्शा देखकर काफी अजीब भी लगता है। विश्व एक-दूसरे से जुड़ता जा रहा है लेकिन भाषाएँ मरती जा रही हैं। अधिकाधिक देश लोकतांत्रिक हैं, विकास की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन क्या यह लोकतंत्र, यह विकास छोटी-मोटी भाषाओं की जिंदगी बचाकर नहीं रख सकती है? बहुवचनीयता आज ख़तरे में है। हमने अंगिका को कंप्यूटर पर लाने में आरंभिक सफलता पाई है। अंगिका लोकेल अब कंप्यूटर के लिए मौजूद है। अंगिका फ़ायरफ़ॉक्स के लिए हमने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए शब्दावली निर्माण का काम फ़्यूल प्रोजेक्ट (fuelproject.org) के तहत होने जा रहा है। कंप्यूटर पर अंगिका की उपस्थिति शायद इसके वजूद को स्थायित्व प्रदान करे। यह 'छोटी-छोटी' भाषाओं के बड़े सपनों के पूरे होने की कहानी है। जरूरत हमें योगदानकर्ताओं की भी है जो आगे आए और महीने में से कुछ घंटे निकालें और और अपनी भाषा के लिए दें।
एक बार मैं फिर से आप सबका दिल से स्वागत करता हूँ। स्वागत और शुक्रिया।
*(मोबाइल के लिए फ़ायरफ़ॉक्स के मैथिली के सामुदायिक लोकार्पण के अवसर पर दिया गया स्वागत वक्तव्य)
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