tag:blogger.com,1999:blog-3840623483245781202.post3437833016588996844..comments2023-06-04T06:50:54.343-07:00Comments on क्रमशः: मुंबई ब्लास्ट: संदर्भ मौज-मजे की लेखिका शोभा डेराजेश रंजन / Rajesh Ranjanhttp://www.blogger.com/profile/15310463848810212552noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3840623483245781202.post-36092964950235769502008-12-16T01:56:00.000-08:002008-12-16T01:56:00.000-08:00हर बार आतंकवादी हमला करते हैं तो लोग मारे जाते हैं...हर बार आतंकवादी हमला करते हैं तो लोग मारे जाते हैं, इस बार ऐसा क्या हुआ की इसे वर करार दे दिया गया? ५ स्टार होटल था इसलिए?sshttps://www.blogger.com/profile/10746526495871896780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3840623483245781202.post-60382897300866615172008-12-04T05:55:00.000-08:002008-12-04T05:55:00.000-08:00आप काहे को उन्हें इतना सीरियस लेते है.???...वैसे इ...आप काहे को उन्हें इतना सीरियस लेते है.???...वैसे इस वक़्त देश के मुद्दे पर सब बोले यही ठीक हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3840623483245781202.post-90335101416556265132008-12-04T03:20:00.000-08:002008-12-04T03:20:00.000-08:00सही लिखा है, यह बात तो काफ़ी पहले से लोग कह रहे हैं...सही लिखा है, यह बात तो काफ़ी पहले से लोग कह रहे हैं कि चूंकि हमला अमीरों पर और विदेशियों पर हुआ है और मीडिया ने इसे जरूरत से अधिक "भंभोड़ा" है इसीलिये ये सारी हायतौबा मचाई जा रही है, यदि सिर्फ़ स्टेशन पर ही यह हमला हुआ होता तो देशमुख रामगोपाल वर्मा को वहाँ न ले जाते… मोमबत्तियाँ जलाने वाले अधिकतर लोग दोमुँहे हैं…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3840623483245781202.post-9667148606832892462008-12-04T02:59:00.000-08:002008-12-04T02:59:00.000-08:00दरअसल, ऐसा ही कुछ कल हाथ में लैंप थामें प्रीति जिं...दरअसल, ऐसा ही कुछ कल हाथ में लैंप थामें प्रीति जिंटा कह रही थीं।222222222222https://www.blogger.com/profile/03001125920425180811noreply@blogger.com